छोटों के लिए कुछ प्रश्न जिनसे बड़े भी बेनियाज़ नहीं हो सकते

छोटों के लिए कुछ प्रश्न जिनसे बड़े भी बेनियाज़ नहीं हो सकते

कुवैत के प्रसिद्ध शैख़ सालिम अत्तवील की पुस्तक “छोटों के लिए कुछ प्रश्न जिनसे बड़े भी बेनियाज़ नहीं हो सकते” के अनुवाद का प्रथम भाग हमने आपकी सेवा में प्रस्तुत किया था, जिसे काफी भाइयों ने पसंद किया और उसे पूर्ण करने की इच्छा व्यक्त की, अतः मैं ने उनकी भावनाओं का सम्मान करते हुए यह सिलसिला शुरू किया है तो लीजिए इस अनुवाद का दूसरा भाग प्रस्तुत हैः

27- आपका धर्म क्या है ?

उत्तरः हमारा धर्म इस्लाम है।

28- इस्लाम का अर्थ क्या होता है ?

उत्तरः अल्लाह की इबादत और आज्ञाकारी द्वारी उसके आगे समर्पित होना।

29- इस्लाम के स्तम्भ कितने हैं ?

उत्तरः इस्लाम के स्तम्भ पांच हैं।

30- इस हदीस को पूर्ण करें…अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फरमायाः इस्लाम स्तम्भ पांच चीजों पर रखा गया है…. ?

उत्तर अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फरमायाः इस्लाम स्तम्भ पांच चीजों पर रखा गया है इस बात की गवाही देना कि अल्लाह के अलावा कोई सही इबादत के योग्य नहीं और मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम अल्लाह के रसूल हैं, नमाज़ स्थापित करना, ज़कात देना, रमज़ान के रोज़े रखना और जो ताक़त रखता हो उसका हज्ज करना। (बुख़ारीः8, मुस्लिमः16, हदीस के रावी इब्ने उमर रज़ियल्लाहु अन्हुमा)

31- नमाज़ की परिभाषा क्या है ?

उत्तरः विषेश कथनी एवं करनी द्वारा अल्लाह की इबादत करना जिसका आरम्भ अल्लाहु अकबर से और अन्त सलाम से होता है।

32- दिन और रात में एक मुसलमान पर कितने समय की नमाज़ें अनिवार्य हैं और उनकी रकअतों की संख्या क्या है ?

उत्तरः पांच समय..फज्र की नमाज़ (दो रकअत) जुहर की नमाज़ (4 रकअत) असर की नमाज़ (4 रकअत) नग़्रिब की नमाज़ (3 रकअत) इशा की नमाज़ (4 रकआत)

33- नमाज़ की शर्तें क्या हैं ?

उत्तरः 1-इस्लाम 2- बुद्धि 3- बालिग़ होना 4- समय का दाखिल होना 5- निजासत (अपवित्रता) को दूर करना 6- पवित्रता 7- सतर को डंकना 8- क़िबला का इस्तिक़बाल करना 8- नियत

34- वुज़ू के स्तम्भ क्या हैं ?

उत्तरः 1- चिहरा धुलना (कुल्ली करने और नाक में पानी डालने के साथ) 2- दोनों हाथों को कुहनियों सहित धोना 3- दोनों कानों के साथ सिर का मसह करना 4- दोनों पैर को टख़नों सहित धोना 5- तरतीब  6- निरंतर

35- किन चीज़ों से वुज़ू टूट जाता है ?

उत्तरः 1-पेशाब पाखाना के रास्ते से कुछ भी निकलना जैसे पेशाब, पाख़ाना, गुज़, मनी, मज़ी और वदी आदि। 2- निंद 3- ऊंट का गोश्त खाना  4- स्नान का कारण पैदा हो जाना।

36- इस हदीस को पूर्ण करें… अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फरमायाः जिसने वुज़ू किया और….

उत्तरः अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फरमायाः जिसने वुज़ू किया और कहाः अश्हदु अल्लाइलाहा इल्लल्लाहु वहदहू ला शरीक लहू व अश्हदु अन्न मुहम्मदन अब्दुहु व रसूलुहु (मैं गवाही देता हूं कि अल्लाह के अतिरिक्त और कोई सही इबादत के योग्य नहीं, वह यकता है उसका कोई भागीदार नहीं, और मैं गवाही देता हूं कि मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम अल्लाह के बन्दे और उसके रसूल हैं।) तो उसके लिए जन्नत के आठों द्वार खोल दिए जाते हैं कि जिस से चाहे जन्नत में प्रवेश कर जाए। (मुस्लिम 234, हदीस के रावी उक़बा बिन आमिर रज़ियल्लाहु अन्हु)

37- नमाज़ में क्या पढ़ना वाजिब (अनिवार्य) है ? 

उत्तरः सूरः फातिहा

38- नमाज़ी रुकूअ में क्या कहेगा ?

उत्तरः सुब्हान रब्बियल अज़ीम  

39- नमाज़ी सज्दा में क्या कहेगा ?

उत्तरः सुब्हान रब्बियल आला  

40- नमाज़ी दोनों सज्दों के बीच में क्या कहेगा ?

उत्तरः रब्बिग़फिरली वरहम्नी वह्दिनी व आफिनी वरज़ुक़नी    

41- तशह्हुद की दुआ पढ़ें…

उत्तरः अत्तहिय्यातु लिल्लाहि वस्सलवातु वत्तैय्यिबातु, अस्सलामु अलैक अय्युहन्नबिय्यु व रहमतुल्लाहि व बरकातुहु, अस्सलामु अलैना व अला इबादिल्लाहिस्सालिहीन, अश्हदु अल्लाइलाह इल्लल्लाहु व अन्न मुहम्मदन अब्दुहु व रसूलुहु। (बुख़ारी 6230, मुस्लिम 402, हदीस के रावी अब्दुल्लाह बिन मस्ऊद रज़ियल्लाहु अन्हु)

42- दरूद शरीफ पढ़ें…

उत्तरः

اللهم صلَّ على محمد وعلى آل محمد كما صليت على ابراهيم وعلى آل ابراهيم انك حميد مجيد ، وبارك على محمد وعلى آل محمد كما بارك على ابراهيم وعلى آل ابراهيم انك حميد مجيد

42- वह चार चीज़ें क्या हैं जिन से नमाज़ी सलाम फैरने से पहले पनाह मांगता है ?

उत्तरः

 اللهم أعوذ بك من عذاب جهنم ومن عذاب القبر ومن فتنة المحيا والممات ومن فتنة المسيح الدجال 

43- इस हदीस को पूर्ण करें अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने कहाः (जिसने अल्लाह के लिए फर्ज़ के अतिरिक्त बारह रकअत नफ़ली नमाज़ें पढ़ीं….)

उत्तरः अल्लाह उसके लिए जन्नत में घर बनाता है। (मुस्लिम 728, उम्मे हबीबा रज़ियल्लाहु अन्हा)

44- सुन्नतों का वर्णन करें ?

उत्तरः फज्र से पहले दो रकअत, ज़ुहर से पहले चार रकअत और ज़ुहर के बाद दो रकअत, मग्रिब के बाद दो रकअत, ईशा के बाद दो रकअत।

45- ज़कात की परिभाषा क्या है ?

उत्तरः विशेष माल में अनिवार्य अधिकार जो विशेष समय में विशेष लोगों को दिया जाता है।

46- रोज़ा की परिभाषा क्या है ?  

उत्तरः अल्लाह की आज्ञाकारी प्राप्त करने के लिए फज्र उदय होने से सूर्य ढूबने तक खाने पीने और सहवास से रुक जाना।

47- इस हदीस को पूर्ण करें… अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फरमायाः जिसने ईमान के साथ और सवाब की नियत से रमज़ान के रोज़े रखे…)

उत्तरः उसके पिछले गुनाह माफ कर दिए जाते हैं। (बुख़ारी 38, मुस्लिम 760, हदीस के रावी अबू हुरैरा)

48- हज्ज की परिभाषा क्या है ?

उत्तरः अल्लाह की इबादत के लिए विशेष दिनों में विशेष काम के लिए काबा की ओर कूच करना।

49- इस हदीस को पूर्ण करें… अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फरमायाः जिस व्यक्ति ने केवल अल्लाह के लिए हज किया…

उत्तरः“जिस व्यक्ति ने केवल अल्लाह के लिए हज्ज किया,  सम्भोगऔर उसके वर्णन से और गुनाहों से सुरक्षित रहा तो वह पवित्र हो कर  ऐसा लौटता है जैसे माँ के पेट से पैदा होने के  दिन पवित्र  थाब़ुखारी1521,हदीस के रावी हज़रत अबू हुरैरा  

50 ईमान के स्तम्भ क्या हैं ?

उत्तरः अल्लाह पर ईमान लाना, फरिश्तों पर ईमान लाना, किताबों पर ईमान लाना, रसूलों पर ईमान लाना, आख़िरत के दिन पर ईमान लाना तथा अच्छी और बुरी तक़दीर पर ईमान लाना।

51- तीन फरिश्तों का नाम बयान करें ? 

उत्तरः जिब्रील, मिकाईल, इस्राफील

52- आसमानी किताबों के नाम बतायें और बयान करें कि वह किन पर उतरीं ?

उत्तरः इब्राहीम और मूसा अलैहिमास्सलाम के सहीफ़े इब्राहीम और मूसा अलैहिमास्सलाम पर उतरे।

ज़ुबूर हज़रत दाऊद अलैहिस्सलाम पर उतरी, तौरात हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम पर उतरी, इनजील हज़रत ईसा अलैहिस्सलाम पर उतरी और क़ुरआन हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम पर उतरा।

53- अज़ीमत वाले रसूल कौन कौन हैं ?

उत्तरः हज़रत नूह अलैहिस्सलाम, हज़रत इब्राही अलैहिस्सलाम, हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम, हज़रत ईसा अलैहिस्सलाम, मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम।

54- सूरः बक़रा की अन्तिम दो आयतों की तिलावत करें जिसे हर मुसलमान सोने से पहले पढ़ता है ?

उत्तरः

آمَنَ الرَّسُولُ بِمَا أُنزِلَ إِلَيْهِ مِن رَّبِّهِ وَالْمُؤْمِنُونَ كُلٌّ آمَنَ بِاللّهِ وَمَلآئِكَتِهِ وَكُتُبِهِ وَرُسُلِهِ لاَ نُفَرِّقُ بَيْنَ أَحَدٍ مِّن رُّسُلِهِ وَقَالُواْ سَمِعْنَا وَأَطَعْنَا غُفْرَانَكَ رَبَّنَا وَإِلَيْكَ الْمَصِيرُ (285) لاَ يُكَلِّفُ اللّهُ نَفْساً إِلاَّ وُسْعَهَا لَهَا مَا كَسَبَتْ وَعَلَيْهَا مَا اكْتَسَبَتْ رَبَّنَا لاَ تُؤَاخِذْنَا إِن نَّسِينَا أَوْ أَخْطَأْنَا رَبَّنَا وَلاَ تَحْمِلْ عَلَيْنَا إِصْراً كَمَا حَمَلْتَهُ عَلَى الَّذِينَ مِن قَبْلِنَا رَبَّنَا وَلاَ تُحَمِّلْنَا مَا لاَ طَاقَةَ لَنَا بِهِ وَاعْفُ عَنَّا وَاغْفِرْ لَنَا وَارْحَمْنَا أَنتَ مَوْلاَنَا فَانصُرْنَا عَلَى الْقَوْمِ الْكَافِرِينَ (286( سورة البقرة

रसूल उस पर, जो कुछ उसके रब की ओर से उसकी ओर उतरा, ईमान लाया और ईमान वाले भी, प्रत्येक, अल्लाह पर, उसके फ़रिश्तों पर, उसकी किताबों पर और उसके रसूलों पर ईमान लाया। (और उनका कहना यह है,) “हम उसके रसूलों में से किसी को दूसरे रसूलों से अलग नहीं करते।” और उनका कहना है, “हमने सुना और आज्ञाकारी हुए। हमारे रब! हम तेरी क्षमा के इच्छुक है और तेरी ही ओर लौटना है।” (285) अल्लाह किसी जीव पर बस उसकी सामर्थ्य और समाई के अनुसार ही दायित्व का भार डालता है। उसका है जो उसने कमाया और उसी पर उसका वबाल (आपदा) भी है जो उसने किया। “हमारे रब! यदि हम भूलें या चूक जाएँ तो हमें न पकड़ना। हमारे रब! और हम पर ऐसा बोझ न डाल जैसा तूने हमसे पहले के लोगों पर डाला था। हमारे रब! और हमसे वह बोझ न उठवा, जिसकी हमें शक्ति नहीं। और हमें क्षमा कर और हमें ढाँक ले, और हमपर दया कर। तू ही हमारा संरक्षक है, अतएव इनकार करनेवालों के मुक़ाबले में हमारी सहायता कर।” (286) सूरः बक़रा

 55- क़्यामत कब होगी ?

उत्तरः इसका ज्ञान अल्लाह के पास है। उसके इलावा कोई दूसरा नहीं जानता।

56- सम्मान का घर कौन सा है ?

उत्तरः जन्नत

57- जन्नत के द्वार कितने हैं ?

उत्तरः आठ

58- कब मोमिन अपने रब को देखेंगे ?

उत्तरः जब जन्नत में दाख़िल हो जाएंगे।

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